Deepak Yadav
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन" जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं, आँख से देखोगे तो खुश पाओगे, दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं... "अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं............. ..
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन" जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं, आँख से देखोगे तो खुश पाओगे, दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं... "अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं............. ..